आनन्द स्वरूप शर्मा
आपका जन्म 16 अक्टूबर 1944 को जोधपुर में स्व. श्री मोहन लाल जी करल के यहाँ हुआ। आपके पिताजी वहाँ की रियासत में ओवरसियर व स्वतंत्र भारत में सहायक अभियन्ता एवं सेवानिवृत्ति के बाद राजकीय ए क्लास कॉन्ट्रेक्टर रहे थे। आपके दादाजी श्री हरदेव जी अध्यापक थे।
जयपुर में आप शिक्षा प्राप्त करते समय प्रारम्भ से ही प्रतिभाशाली रहे। आपने 10वीं बोर्ड परीक्षा एवं प्री. युनिवर्सिटी की परीक्षा प्रथम श्रेणी से व गणित में विशेष योग्यता प्राप्त करके उर्तीण की। बी.ई. (सिविल) 1966 में एम.बी.एम. इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से किया।
शिक्षा पूर्ण करने के बाद आप राजकीय विभाग में सर्विस करने लग गये। आपने पीडब्ल्यूडी (बी एण्ड आर) इरिगेशन में जेईएन एवं एईएन के पद पर सेवायें दी। इसके उपरान्त आप राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में चले गये यहाँ पर आप सहायक, अधिशासी, अधीक्षण अभियन्ता पदों पर कार्य करने के बाद अति. मुख्य अभियन्ता के पद पर कार्य किया। अपने कार्यालय में विभिन्न पदों पर कार्य रहते हुये अपनी श्रेष्ठ सेवायें प्रदान की और एडीशनल चीफ इन्जिनियरिंग के पद पर ही अपनी सेवा देते हुए सेवानिवृत हुये। आप आवास विकास संस्थान में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। इसी दौरान आप द्वारा बागोर की हवेली 'उदयपुर' के पुर्नोत्थान के कार्य के लिये राज्यपाल ने उद्घाटन के अवसर पर आपको सम्मानित किया।
आपका विवाह समाज चिंतक सेवानिवृत्त जिला एवं सैशन जज श्री तुलसीराम शर्मा की पुत्री श्रीमति तारा शर्मा के साथ हुआ। आपकी धर्मपत्नी भी उच्चशिक्षित हैं, इन्होंने एम.एस.सी., पी.एच.डी. (कैमेस्ट्री) प्रथम श्रेणी से उच्च स्तर के मार्क्स प्राप्त करके की थी।
आपके तीन पुत्रियों में श्रुति शर्मा ने आई.आई.आर.एम. से एमबीए किया व शादी के बाद दुबई (यूएई) में रह रही हैं। दूसरी पुत्री कीर्ति शर्मा बडोदरा विश्वविद्यालय से फाईन आर्ट में स्नातक किये हुई हैं, शादी के बाद एरिजोन यू.एस.ए. में रह रही हैं। तृतीय पुत्री नेहा शर्मा ने वनस्थली विद्यापीठ से एम.सी.ए. किया है। सबसे छोटे पुत्र राघव शर्मा ने सैकेण्ड्री परीक्षा सीबीएससी से 71% प्राप्तांक के साथ उत्तीर्ण की है एवं सीनियर में पढ़ता है। ये भी अपने पिता की तरह एक अच्छे इन्जीनियर बनना चाहते है। आप वर्तमान में ए-30, शास्त्री नगर, जयपुर में रह रहे हैं।