प्रोफेसर डॉ. बी. एल. शर्मा

आपने जोधपुर से बी.ए., एल.एल.बी., एल.एल.एम., क्रिमीलोजी में डिप्लोमा एवं पी.एच.डी. (लॉ) शिक्षा ग्रहण की। सन् 1977 से 1980 तक राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में वकालत की।
आपने दो वर्ष सन् 1981-82 में एस. के. सरकारी कॉलेज तथा पाली के बांगड सरकारी कॉलेज में LLB व LLM के विद्यार्थियों के शिक्षण का कार्य किया। इसके पश्चात 25 वर्षों से सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट (गुजरात) में एल.एल.एम. के विद्यार्थियों को पढ़ाने व पी.एच.डी. के विद्यार्थियों को शोध कार्य में मार्गदर्शन प्रदान किया।
वर्ष 1997 से जुलाई 2009 तक इसी विश्वविद्यालय में मानवाधिकार सोसायटी के चीफ एक्जीक्यूटिव रहे तथा लॉ संकाय के प्रोफेसर एवं हैड के पद पर कार्य किया व गुजरात नेशनल लॉ विश्वविद्यालय, गांधीनगर के ऑननरी विजिटिंग प्रोफेसर रहे तथा UGC फंडिंग कमेटी के सदस्य भी है। आप राष्ट्रीय महिला आयोग के सलाहकार रहे हैं।
आपने 4 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, 24 राष्ट्रीय स्तर तथा 8 राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेन्स/सेमीनार/ कार्यशालाओं में पेपर प्रस्तुत कर ख्याति प्राप्त की है। आपके 22 शोध पत्र व लेखा राष्ट्रीय व अतराष्ट्रीय जरनल्स में प्रकाशित हुए है। आपके संयोजन में कानून व शिक्षकों के लिए मानवाधिकार पर 21 दिवसीय, तीन रिफ्रेशर कोर्स हुए।
जुलाई 2009 में आप गुजरात प्रदेश के राज्यपाल महामहिम पं. नवलकिशोर शर्मा ने जोधपुर मूल के डॉ. बी.एल. शर्मा को भावनगर विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर नियुक्ति प्रदान की। 2010 में आप राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त हुए।